सोच से सोच की लड़ाई एक ऐसा सम्मेलन है, जिसमें नागरिकों को अपने विचार और दृष्टिकोण रखने का अवसर मिलता है। इसका उद्देश्य राष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा करना है। 'सोच से सोच की लड़ाई' में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाती है और उन मुद्दों को प्राथमिकता दी जाती है, जिनका युवाओं पर तत्काल प्रभाव पड़ता है। यहां युवा विशेषज्ञों से जीवंत बातचीत कर सकते हैं और अपने सवालों के जवाब पा सकते हैं। यह युवाओं को निडर होकर अपनी राय व्यक्त करने और आलोचना को शालीनता से स्वीकार करने का मंच प्रदान करता है। हमारे जैसे विविधताओं वाले देश में किसी एक विचारधारा का एकाधिकार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। देश में लोकतंत्र के लिए सभी तरह की विचारधाराओं का अस्तित्व आवश्यक है।

किसी विचारधारा का मुकाबला केवल वैकल्पिक विचारधारा से ही किया जा सकता है।

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